जीवनसाथी के साथ मिलकर ख़रीदा है कुछ तो जानिये कुछ ज़रूरी बातें – Read Before Buying Assets With Life Partner
शादी के बाद जब जीवनसाथी मिलकर खरीदते है कोई एसेट चाहे वह कोई प्रॉपर्टी हो या शेयर्स, म्यूच्यूअल फंड्स, बांड्स या कुछ और. ऐसे में यह पोस्ट है उनके लिए, जिन्हें जानकार वह अपने प्रश्नों के उत्तर पा निश्चिंत हो सकते है. (Buying Assets With Life Partner)
कई जोड़ों के लिए, संपत्ति और वित्त के विलय की प्रक्रिया शादी से बहुत पहले शुरू हो जाती है.
अपने साथी को अपने वित्त में लाना एक रोमांचक प्रक्रिया हो सकती है, क्योंकि यह आपके रिश्ते के प्रति प्रतिबद्धता के एक नए स्तर का संकेत देता है। फिर भी, दोनों भागीदारों को सुरक्षित और खुश रखने के लिए ईमानदारी, विश्वास और जागरूकता महत्वपूर्ण है।
यदि आप अपने पार्टनर के साथ एसेट को मर्ज करने की योजना बना रहे हैं, या पहले ही शुरू कर चुके हैं तो निम्नलिखित पर विचार करें, जो प्रक्रिया को और अधिक सुचारू रूप से चलने और सफलतापूर्वक समाप्त होने में मदद कर सकता है।
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जब पति और पत्नी मिलकर खरीदते है कोई एसेट – When Couple Buys Assets
नए विवाहित जोड़े एक दुसरे से कई प्रकार की कसमे खाते है और वादे लेते है. वह सम्पूर्ण जीवन भर एक दुसरे के सुख दुःख में साथ रहने की कसमे भी खाते है. कई बार मिलकर कुछ प्रॉपर्टी भी खरीदते है.
और कई बार म्यूच्यूअल फंड्स, शेयर्स, बोंदा एवं अन्य कई प्रकार के एसेट्स मिलकर खरीदते है. जब वह दोनों बराबर के हिस्सेदार होते है तो दोनों का ही उसपर बराबर हक भी होता है.
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क्या है प्रक्रिया? – What is the Process
बैंक में जॉइंट अकाउंट खुलवाया जाता है. और दोनों जॉइंट अकाउंट होल्डर्स के KYC (Know Your Customer) दस्तावेज जमा करवाने की ज़रुरत पड़ती है, और दोनों को ही फॉर्म में ज्वाइन सिग्नेचर भी करने पड़ते है.
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अकाउंट कैसे चलता है? – How Account Works
अगर आपका जॉइंट अकाउंट है तो इस में Either or Survivor column में सिग्नेचर करने पद दोनों में से कोई एक भी जब मर्जी उस अकाउंट को चला सकता है.
परन्तु अगर दोनों ने Jointly आप्शन का विकल्प चुना है ओ ऐसे में दोनों को ही हर बार transaction करने के लिए दोनों को ही सिग्नेचर करने पड़ेंगे, किसी एक के सिग्न से काम नहीं चलेगा. (Buying Assets With Life Partner)
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किसी एक की मौत पर आगे क्या होगा? – What if any one die
ऐसे में अगर जीवनसाथी की मृत्यु हो जाती है तो उसमें लिखे नॉमिनी से ज्यादा जीवित अकाउंट होल्डर के पास ज्यादा अधिकार होते है. इसके लिए जीवित अकाउंट होल्डर के आवेदन और मृत पार्टनर के डेथ सर्टिफिकेट के साथ साथ पुलिस की FIR कॉपी और KYC डाक्यूमेंट्स की ज़रुरत पड़ती है.
ऐसे मामले में जीवित पार्टनर का ही अधिकार उस एसेट में रहेगा. उसका जब मन करे उसे बेच या किसी को ट्रान्सफर कर सकता है.
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टैक्स में क्या राहत मिलती है? – Tax Relief
अपने जीवनसाथी को दिया गया किसी भी प्रकार का गिफ्ट टैक्स के दायरे में नहीं आता है, परन्तु अगर आपके जीवनसाथी की कोई इनकम नहीं लेकिन दिए गए गिफ्ट से उन्हें कोई इनकम होती है तो ऐसे में गिफ्ट देने वाले साथी की इनकम में उसको जोड़ दिया जाता है.
अगर पति और पत्नी दोनों ही जॉइंट इन्वेस्टमेंट में टैक्स बेनिफिट लेना चाहते है तो इसके लिए उन्हें आपस में एक अग्रीमेंट करना पड़ता है. जिसमें उन्हें बताना पड़ता है के उसमें कितना कितना शेयर अदा करना चाहते है. (Buying Assets With Life Partner)
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इन बातों का रखे ध्यान – Take Care of These Things
यहाँ एक बात ध्यान रखने योग्य यह के भले ही आपका अक्कोइन्त जॉइंट होल्डर हो पर किसी भी प्रकार की पेमेंट या फिर डिविडेंड की डिटेल केवल फर्स्ट अकाउंट को ही दी जाती है.
अगर आपका किसी percentage sharing का डॉक्यूमेंट sign नहीं किया है तो ऐसे में जॉइंट अकाउंट का सब कुछ दोनों में बरबार ही माना जाता है.
तो दोस्तों यह थे कुछ टिप्स जिन्हें आप दोनों का जानना बेहद ज़रूरी है. ज्यादा विस्तार से जानना है तो आप किसी फाइनेंसियल कंसलटेंट या फिर अपने चार्टर्ड अकाउंटेंट से भी पूछ सकते है.
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