After Divorce Make Yourself Financially Strong

After Divorce Make Yourself Financially Strong – तलाक के बाद महिलाएं खुद को ऐसे कर सकती है आर्थिक रूप से तैयार

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Woman After Divorce Make Yourself Financially Strong – तलाक के बाद महिलाएं खुद को ऐसे कर सकती है आर्थिक रूप से तैयार

Divorce के बारे में सुनकर ही मन बेचैन हो जाता है, तो सोचो जिनका यह बंधन टूट रहा है उनका क्या होता होगा, और ऐसे में सबसे ज्यादा मुश्किल तो महिलयों के लिए ही होती है.

कुछ लोग विवाह में प्रवेश करते हैं और यह उम्मीद करते हैं कि यह विवाह अंत तक साथ में चलेगा, लेकिन दुर्भाग्य से, कई शादियां ऐसी होती है जिनका अंत तलाक से होता हैं। जबकि कोई भी तलाक की योजना नहीं बनाना चाहता है, अच्छी वित्तीय योजना तलाक के वित्तीय प्रभावों को कम करने या बचाने में मदद कर सकती है.

यहाँ हम उन महिलाओं के लिए यह पोस्ट लेकर आये है जिन्हें पढ़कर और उसपर अमल कर वह अपनी ज़िन्दगी को बेहतर बना सकती है. आइये पढ़ते है इस पोस्ट को.

  1. अपने अधिकारों को जानिये – Know Your Rights

जब बात Divorce ही आ जाए तो इंसान पर भावनाए बहुत हावी हो जाती है, ऐसे में सोचने और समझाने की शक्ति भी क्षीण हो जाती है. ऐसे में आपको खुद के जज्बातों पर काबू रखना चाहिए.

खुद पर काबू न रखकर आप अपना ही नुक्सान कर सकते है, जैसे के शादी की सम्पति का बटवारा करते वक़्त भावनाओ में आकर दूसरी तरफ ज्यादा दे दो और खुद कम कर लो और फिर बाद में पछताना पड़े.

ऐसे में सब बातों को अच्छे से जाने और सोच समझकर ही फैंसला ले.

जीवनसाथी के साथ मिलकर ख़रीदा है कुछ तो जानिये यह कुछ ज़रूरी बातें

  1. विवाह में मिले तोहफों पर कानूनी राय ले – Legal Suggestions on marriage Gifts

विवाह शादी में मिले तोहफे जैसे की कोई चल या अचल सम्पति जो पत्नी के नाम पर ही हो, वो केवल पत्नी की खुद की पर्सनल सम्पति मानी जाती है. चाहे उसके पति ने ही उसके नाम पे निवेश किया हो वो भी पत्नी का ही गिना जाएगा, अगर उसमें केवल पत्नी का ही नाम है.

और अगर की अपनी कोई संपत्ति है तो वह केवल पति की ही नहीं उसमें पत्नी का भी अधिआर होगा. विवाह में पत्नी को मिले गहने या और गिफ्ट इस्त्री धन कहलाते ऐसे में उनपर केवल इस्त्री का ही हक़ होता है.

  1. गुज़ारे भत्ते का भुगतान कैसे होगा – Monthly Expense

इस्त्रिधन या फिर प्रॉपर्टी या अन्य निवेश में हिस्से के अलावा भी महिला गुज़ारे भत्ते की भी हकदार होती है, और इसे कोर्ट के द्वारा ही तय किया जाता है. इस्त्री को कितना गुजरा भत्ता मिलना चाहिए यह इस बात पर देखा जाता है के वह महिला कोई नौकरी करती है या नहीं या उस परिवार की आर्थिक हालत कैसी है.

  1. तलाक के बाद की ज़िन्दगी – Life after Divorce

मिया बीवी के Divorce के बाद अपनी ज़िन्दगी में रोने धोने को छोड़ दीजिये और ज़िन्दगी को दोबारा जीने की और ध्यान दीजिये. ऐसे में फाइनेंसियल एक्सपर्ट से मिलकर अपने आने वाल कल की फाइनेंसियल प्लानिंग बनने की और ध्यान दीजिये.

  1. फाइनेंसियल टारगेट सेट करे – Set Financial Targets

Divorce के बाद ज़िन्दगी में बहुत बड़े बदलाव आते है. नयी ज़िन्दगी शुरू करना और उसमें ताल मेल बिठाना कोई आसान काम नहीं हैसे. ऐसे में छोटी अवधि और लम्बी अवधि के लिए अभ इसे फाइनेंसियल प्लान बनाने शुरू कर दीजिये.

Insurance, म्यूच्यूअल फंड्स, रिटायरमेंट प्लान, इन सब पर अभी से काम शुरू करोगे तो ही आगे जाके फायदे में रहोगे. (After Divorce Make Yourself Financially Strong)

  1. सांझी जिम्मेदारियों का प्रबंधन करे – Share Responsibilities Management

तलाक के बाद पति पत्नी के रास्ते चाहे अलग हो जाते है, लेकिन फिर भी आपके बच्चो की शिक्षा, या शादी की प्लानिंग के लिए आप दोनों को मिलकर प्लानिंग करनी पड़ेगी.

हाँ अगर बच्चे केवल किसी एक के पास ही रहना चाहते हो तो बात अलग है. परन्तु अगर वह समय समय पर दोनों के पास रहते है तो उनकी जिम्मेवारी भी दोनों की ही है.

FAQ

क्या तलाक के बाद मुझे अपनी पत्नी को पैसे देने की ज़रूरत है?

Divorce के बाद, पति या पत्नी को गुजारा भत्ता दिया जाता है यदि पति या पत्नी के पास जीवन यापन के पर्याप्त साधन नहीं हैं या कोई आय उत्पन्न करने वाला व्यवसाय नहीं है। भारतीय कानूनी प्रणाली एक पति या पत्नी को गुजारा भत्ता देने का निर्देश देती है, लेकिन आम तौर पर पति अपनी पत्नी को यह राशि देता है।

तलाक के बाद मेरी पत्नी को कितनी संपत्ति विरासत में मिलनी चाहिए?

तलाक के बाद मेरी पत्नी को कितना गुजारा भत्ता मिलेगा? भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने मासिक गुजारा भत्ता का भुगतान करते समय पत्नी को पति के शुद्ध मासिक वेतन का 25% हिस्सा देने की सीमा निर्धारित की है। हालाँकि, एकमुश्त भुगतान के लिए कोई निश्चित राशि या प्रतिशत नहीं हैं।

तलाक के बाद पुरुष पैसे क्यों देते हैं?

अंतरिम और अंतिम गुजारा भत्ता: कुछ मामलों में, पतियों को तलाक की कार्यवाही के दौरान अपने जीवनसाथी को आर्थिक रूप से समर्थन देने की भी आवश्यकता होती है, जिसे अंतरिम गुजारा भत्ता के रूप में जाना जाता है। अंतरिम गुजारा भत्ता का उद्देश्य तलाक के दौरान आर्थिक रूप से कमजोर जीवनसाथी को सहारा देना है।

अगर कोई महिला तलाक के लिए अर्जी दे तो क्या होगा?

अंतरिम भरण-पोषण पत्नी को दिया जाता है और इसमें याचिका दायर करने की तारीख से बर्खास्तगी या फैसले की तारीख तक देय राशि शामिल होती है। इस भत्ते का उद्देश्य मामले की सुनवाई के दौरान उसकी बुनियादी जरूरतों को पूरा करना है।

अगर पति तलाक चाहता है लेकिन पत्नी नहीं चाहती तो क्या करें?

उत्तर: यदि पति तलाक चाहता है लेकिन पत्नी तलाक नहीं चाहती तो पति एकतरफा Divorce दे सकता है। पटियाला फैमिली कोर्ट की वकील सीमा जोशी ने कहा कि ऐसी स्थिति में पति तलाक के लिए लड़ सकता है। इसे एकतरफा तलाक भी कहा जाता है. इस मामले में, अदालत को पति से Divorceचाहने के कारणों का सबूत देने की आवश्यकता हो सकती है।

तलाक लेने में कितना खर्च होता है?

उदाहरण के लिए, मामला कितना जटिल है, वकील कितना अनुभवी है और मुकदमा कितने समय तक चलेगा। कानूनी विशेषज्ञों का कहना है कि बातचीत के जरिए तलाक के लिए कानूनी फीस 5,000 रुपये से लेकर 100,000 रुपये तक हो सकती है। वहीं, लंबित मामले में रकम 50,000 रुपये से 70,000 रुपये या इससे भी ज्यादा हो सकती है। कुछ मामलों में, आपका वकील आपसे एकमुश्त शुल्क ले सकता है।

तलाक का मामला कब तक चलेगा?

बातचीत के जरिए Divorce तक पहुंचने में कितना समय लगता है? औसतन, तलाक दाखिल करने की तारीख से छह महीने से एक साल तक का समय लगता है। हालाँकि, यह मामले के तथ्यों और परिस्थितियों पर निर्भर करता है।

तलाक के बाद वे किसके बच्चे हैं?

तलाक के बाद बच्चों की कस्टडी हमेशा मां के पास होती है। हाल ही में राजस्थान हाई कोर्ट ने एक मामले में बच्चे की कस्टडी पिता को सौंप दी है. दरअसल, भारतीय कानून के तहत, जोड़े के तलाक के बाद छोटे बच्चों को अपनी मां के साथ रहने का अधिकार है।

एक बहू को अपने ससुर की संपत्ति पर क्या अधिकार है?

सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया कि बहू को अपने ससुर द्वारा अर्जित संपत्ति पर कोई अधिकार नहीं है। यदि तुम्हारे ससुर की अनुमति हो तो कोई बात नहीं। इससे साबित हुआ कि जब तक किसी महिला के पति के पास किसी संपत्ति का अधिकार है, तब तक संबंधित महिला के पास कोई अधिकार नहीं हो सकता है। खासकर जब बात ससुराल की संपत्ति की हो।

तलाक के बाद सबसे ज्यादा कष्ट किसे होगा?

हालाँकि तलाक से महिलाओं को अधिक वित्तीय नुकसान होता है, पुरुष अक्सर भावनात्मक और मनोवैज्ञानिक रूप से अधिक पीड़ित होते हैं। तलाक के बाद महिलाओं की तुलना में पुरुषों में अवसाद से पीड़ित होने की संभावना अधिक होती है, और जब वे अवसाद का अनुभव करते हैं, तो इसका प्रभाव महिलाओं की तुलना में पुरुषों पर अधिक गंभीर होता है।

तलाक लेने का सबसे तेज़ तरीका क्या है?

  • आपसी सहमति से तलाक

सभी divorce कानूनों में, सबसे सरल प्रक्रिया हिंदू विवाह अधिनियम, 1955 की धारा 13बी के तहत निर्धारित है। यदि पति और पत्नी दोनों पारस्परिक रूप से अपनी शादी को समाप्त करने के लिए सहमत होते हैं, तो युगल तलाक के लिए अदालत में आवेदन कर सकते हैं।

इतने सालों के बाद तलाक से दुख क्यों होता है?

आपने किसी प्रियजन को खो दिया

Divorce का मतलब है किसी ऐसे व्यक्ति को खोना जिससे आप कभी प्यार करते थे। और आप Divorce के बाद भी प्यार में रह सकते हैं। इससे दुःख की प्रक्रिया वैसी ही हो सकती है जैसी हम किसी प्रियजन को खोने पर करते हैं।

तलाक कितना हानिकारक है?

Divorce का परिवारों पर कई बड़े प्रभाव पड़ते हैं। यह गंभीर नकारात्मक प्रभाव पैदा कर सकता है, जो करीबी और विस्तारित परिवार के सदस्यों दोनों को प्रभावित कर सकता है। यह माता-पिता के अपने बच्चों के साथ बातचीत करने के तरीके और भाई-बहनों के एक-दूसरे के साथ बातचीत करने के तरीके को भी बदल सकता है।

तो दोस्तों यह थे Divorce से जुड़े कुछ फैंसले जिन्हें जानना आपके लिए बेहद ज़रूरी था. हमारी लिखी बातें हो सकता है समय समाया के साथ इनमें कुछ बदलाव भी आता रहे, ऐसे में इनके बारे में अपने वकील से अवश्य बात कीजियेगा .

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