Success Story of SnapDeal – Snapdeal की कहानी
दोस्तों आपने हमारा Flipkart Success Story पोस्ट तो पढ़ा ही होगा. अब हम आपके लिए है Snapdeal Success Story. इनकी कहानी शुरू होती है सब 2010 में. और इस्क्को शुरू किया था रोहित बंसल एवं कुनाल बहल ने.
इन दोनों ने खुद का काम धंधा करने का सोचा और शुरू की MoneySaver नामक कंपनी. और यह कंपनी कुछ ही महीनो में अच्छी निकल पड़ी.
तब इन्होने अपने काम को और बड़ा करने का सोचा और तब इन्हें ज़रुरत थी अपने बिज़नस में पैसे लगाने वाले इन्वेस्टर की तो इन्होने बात शुरू की Vani Cola से जो के कामयाब नहीं हुई.
पर जब इनकी Vani Cola से दोबारा बात उई तब वह इनकी कंपनी में पैसे लगाने को तैयार हो गए और सन 2010 में Snapdeal का ऑनलाइन बिज़नस शुरू किया.
Success Story of SnapDeal
शुरू के कुछ महीनो में रोहित बंसल एवं कुनाल बहल (Rohit Bansal and Kunal Bahal) से बहुत गलतियां हुई पर वह अपनी गलतियों से डरे नहीं बल्कि उससे सीखकर आगे बढ़ते गए. और सन 2011 में उन्होंने Alibaba Ecommerce Company के बारे में सुना और उनसे सीखकर आगे बढ़ते गए.
सन 2015 मार्च में स्नादेअल ने आमिर खान को अपनी कंपनी का ब्रांड एम्बेसडर (brand ambassador) बनाया. और तब इनकी की कमी 1-2 सालो में ही 600% तब बढ़ गयी थी, और अब भी बढती ही जा रही है.
- 2011 में इन्होने grabbon.com को खरीद लिया
- 2012 में इन्होने esportsbuy.com को खरीद लिया
- 2013 में इन्होने shopo.in को खरीद लिया
- 2014 में इन्होने wishpocker.com को खरीद लिया
- 2014 में इन्होने exclusively.in को खरीद लिया और gojavas.com में 20% हिस्सेदारी खरीद ली.
और यह सिलसिला अभी तक चल रहा है.
FAQ
स्नैपडील की शुरुआत क्यों हुई?
फरवरी 2010 में कुणाल बहल और रोहित बंसल द्वारा स्थापित। स्नैपडील भारत के सबसे बड़े ऑनलाइन मार्केटप्लेस में से एक था। स्नैपडील वैल्यू ई-कॉमर्स सेगमेंट को लक्षित करता है, जो बहल का अनुमान है कि ब्रांडेड सामान बाजार से तीन गुना बड़ा है।
भारत में स्नैपडील की शुरुआत कब हुई?
कुणाल बहल और रोहित बंसल द्वारा 2010 में स्थापित, स्नैपडील भारत में शीर्ष चार ऑनलाइन लाइफस्टाइल शॉपिंग साइटों में से एक है। स्नैपडील अपने प्लेटफॉर्म पर गुणवत्ता और मूल्य वाले उत्पादों की एक विस्तृत श्रृंखला एक साथ लाता है।
कुणाल बहल अब क्या कर रहे हैं?
वह राष्ट्रीय स्टार्टअप सलाहकार परिषद में भी कार्य करते हैं, एक समिति जो एक मजबूत स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र के निर्माण के लिए आवश्यक प्रयासों पर भारत सरकार को सलाह देती है। वह भारतीय समूह पीरामल एंटरप्राइजेज के बोर्ड में एक स्वतंत्र निदेशक के रूप में भी कार्य करते हैं।
क्या स्नैपडील अभी भी भारत में है?
स्नैपडील भारत का अग्रणी शुद्ध मूल्य ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म है।
स्नैपडील का क्या मतलब है?
स्नैपडील भारत के सबसे बड़े ऑनलाइन बाज़ारों में से एक है, जो 300,000 से अधिक विक्रेताओं के 30 मिलियन से अधिक उत्पादों की पेशकश करता है। स्नैपडील को कई फंडिंग राउंड मिले हैं। जनवरी 2011 में, इसे नेक्सस वेंचर पार्टनर्स और इंडो-यूएस वेंचर पार्टनर्स से 12 मिलियन अमेरिकी डॉलर की पहली फंडिंग प्राप्त हुई।
स्नैपडील का बिजनेस मॉडल क्या है?
स्नैपडील एक पोर्टफोलियो बिजनेस मॉडल पर काम करता है। इसके मूल में, कंपनी एक मैचमेकिंग बिजनेस मॉडल पर काम करती है जो सीधे ऑनलाइन विक्रेताओं और ऑनलाइन खरीदारों को जोड़ती है।
स्नैपडील पर खरीदारी कैसी है?
स्नैपडील सबसे तेज़ डिलीवरी प्रदान करता है क्योंकि यह बहुत कम समय में उत्पाद वितरित करता है। स्नैपडील की उपस्थिति देश के अधिकांश हिस्सों में है और यह उन क्षेत्रों में भी बिना क्षतिग्रस्त उत्पाद वितरित करने का प्रयास करता है जहां अन्य ई-कॉमर्स सेवाएं वितरित नहीं कर सकती हैं। आप स्नैपडील पर अपने ऑर्डर की स्थिति को ट्रैक कर सकते हैं।
स्नैपडील डिलीवरी में कितना समय लगता है?
जब आप ऑर्डर देते हैं, तो आपको वेबसाइट पर प्रदर्शित उत्पादों के लिए एक शिपिंग शेड्यूल प्राप्त होगा (उदाहरण के लिए, 5 दिनों के भीतर जहाज)। उत्पाद को शिप करने में लगने वाले व्यावसायिक दिनों की संख्या को संदर्भित करता है। ऑर्डर करते समय निर्दिष्ट पते के आधार पर, डिलीवरी में 1-3 दिन लग सकते हैं।
तो दोस्तों, रोहित बंसल और कुनाल बहल की दूरदर्शिता और मेहनत का ही नतीजा था के आज वह इतने सफल हो चुके है. तो इस पोस्ट को पढ़कर उम्मीद है आपको भी बेहद प्रेरणा मिली होगी और आप भी कुछ ऐसा करेंगे जिस से आप अपने माँ बाप का नाम रोशन कर सकेंगे. धन्यवाद.
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